आज़ादी के खातिर – त्रिलोक कुमार

खून खौल जाता है
जब देश का कोई अपमान करे,

खून खौल जाता है
जब वीरो का कोई न  सम्मान करे,

बहुतो ने आज़ादी के खातिर
अपना लघु बहाया है

कितनो ने फासी को चूमा
कितनो ने गोली खाया है,

तब जाके हमने ये चैन के निंद पाया है
हम कदर करे उन वीरो का
हम सम्मान करे उन वीरो का
जिन्होंने सर्वस्य गवा के हमे ये समान दिलाया है,

तब जाके हैं कही अपना गर्व से सिर उठाया है
हमे अलख जागआना है

राष्ट्र प्रेम दिखलाना है
उन महान वीरो का बलिदान न व्यर्थ हो
दुश्मन चाहे कोई हो अपने प्रहार न पस्त हो,

भारत मा के वीर सिपाही हम करते आपका सम्मान 
आपने बढ़ाया है हम सबका मान

कुछ सपने देखे थे वीरो ने
ऐयसे राष्ट्र बनाना है

कोई न हो दुश्मन सबको अपनआ बतलाना है
कुछ भ्रस्ट लोगो ने मिलके सपने को अपमान किया
हम लोगो ने भी मिलके उनको है नकार दिया।।।

खून खौल जाता है
जब देश का कोई अपमान करे,

खून खौल जाता है
जब वीरो का कोई अपमान करे

कवि – श्री त्रिलोक कुमार