गाँधी जी – एक ईमानदार इंसान

सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी के जीवन से जुड़े किस्से और कहानियां काफी रोचक रही हैं।आज भी गाँधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने और सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष उनकी पुण्यतिथि पर याद किया जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है लेकिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान और महान कर्मों से उन्हें राष्ट्र के पिता, महात्मा और बापू भी कहा जाता हैं।गाँधी जी बचपन से ही बहुत ईमानदार थे। यह बात इस छोटी सी कहानी से साबित होती है। एक बार स्कूल में शिक्षकों ने सभी छात्रों से कुछ अंग्रेजी शब्दों की स्पेलिंग लिखवायी। सभी बच्चों ने स्पेलिंग लिखी।शिक्षक ने सभी बच्चों की स्लेट्स इकठ्ठा की। उन्होंने देखा की गाँधी की स्पेलिंग गलत थी। उन्होंने गाँधी से इशारा किया की अपने पास के बच्चे की स्पेलिंग की नकल करो। लेकिन गाँधी ने ऐसा नहीं किया।परीक्षा के अंत में शिक्षक ने गाँधी से पूछा की तुमने नकल क्यों नहीं की? मैंने तुम्हें इशारा किया, तुमने देखा नहीं। तो गाँधी बोले, गुरूजी मुझे नकल नहीं करनी थी। शिक्षक बोले, तुम अकेले हो जिसका उत्तर गलत है।गाँधी बोले, मैं जानता हूँ गुरूजी पर मैं गलत रास्ता अपनाना नहीं चाहता। गाँधी के बचपन से जुड़ी इस घटना से यह पता चलता है कि महात्मा गाँधी बचपन से ही ईमानदार रहे थे।इसके साथ साथ गांधीजी एक जागरूक पत्रकार थे उन्होंने “यंग इंडिया”, नवजीवन और हरिजन जैसे समाचार पत्र प्रकाशित किए। उन्होंने समाचार पत्र का इस्तेमाल आंदोलनों के आयोजन में अहिंसा के उपयोग के संबंध में अपनी अनूठी विचारधारा और विचारों को फैलाने के लिए किया और पाठकों से ब्रिटेन से भारत की अंतिम स्वतंत्रता के लिए विचार करने, संगठित करने और योजना बनाने का आग्रह किया। साथ ही में गांधीजी एक कामयाब वकील भी थे।

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3 replies

  1. I do agree with you but he didn’t take initiative to block the partition for which Not only Bengalis, Punjabis , Sindhis are still suffering. Secondly His way of practising was not good so no syllabus this was discussed

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